Saturday 28 January 2017

เคชंเคšเคคंเคค्เคฐ : เคธंเค—เคค เค•ा เค…เคธเคฐ

                        पंचतंत्र

                   संगत का असर

बहुत समय पहले की बात है| एक गांव में एक बहेलिया रहा करता था| वह जंगल से चिड़ियों को पकड़ कर लता था और कसबे में जाकर उन्हें बेच  दिया करता था| उस से जो कुछ भी मिलता उस से अपना और अपने परिवार का पेट पालता था| एक दिन वह जंगल में घूम रहा  था| उसे एक पेड़ के कोटर में तोते के दो बच्चे खेलते हुए दिखाई दिए| उसने तोते के उन बच्चों को पकड़ लिया और अगले दिन नगर में बेच दिया| एक बच्चा एक चोर ने खरीद लिया और एक बच्चा किसी सज्जन आदमी ने खरीद लिया| तोते के बच्चे धीरे धीरे बड़े हो गए| उन्होंने बोलना भी सीख लिया| एक दिन नगर में बादशाह घूमने आया, जैसे ही बादशाह चोर के घर के पास आया तो तोता जोर जोर से बोलने लगा:- "शिकार आया है लूट लो बच के ना जाने पाए"| बादशाह आगे बढ़ गया उसे आगे उस सज्जन का घर मिल गया, जैसे ही तोते ने बादशाह को देखा तो बोल पड़ा:- नमस्ते जी, आप का स्वागत है, आप थक गए होंगे बैठिए चाय पानी पी कर जाना| बादशाह दोनों की बात सुन कर हैरान थे कुछ समझ में नहीं आ रहा था| आगे जाने पर राजा को वही बहेलिया मिल गया| बादशाह ने बहेलिया को बुलाकर पूछा कि दोनों तोते एक समान हैं पर दोनों की भाषा में इतना फरक क्यों है| बहेलिये ने बताया कि यह सब संगत का असर है| एक तोते का मालिक चोर है जो उसके घर में होता है वह तोते ने सीख लिया है, और दूसरे तोते का मालिक एक सज्जन आदमी है, जो उसके  घर में होता है वह उसके तोते ने सीख लिया है| संगत का असर सब पर पड़ता है चाहे वह आदमी हो या पंछी|

सीख :- हमें हमेशा अच्छी संगत में ही रहना चाहिए|

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