Thursday 2 March 2017

Story Time : เคฐाเคœा เค”เคฐ เค—เฅœเคฐिเคฏा

Story Time 😊

                   राजा और गड़रिया

प्राचीन काल में एक राजा था। उसे प्राकृतिक सौंदर्य के चित्र बनाने का बहुत शौक था। एक दिन चित्र बनाने के लिए वह पहाड़ की एक ऊँची चोटी पर गया। वहाँ उसने एक बहुत ही सुंदर चित्र बनाना शुरू किया। चित्र बन जाने पर वह उसके सामने खड़े होकर हर कोण से उसे निहारता और चित्र में जहाँ कोई कमी मालूम होती, उसे ब्रश से सुधार देता। अंत में दूर से चित्र कैसा दिखता है, यह जानने के लिए वह एक-एक कदम पीछे हटने लगा। पीछे हटते-हटते वह पहाड़ी के कगार तक जा पहुँचा। 
पास ही एक लड़का अपनी भेड़ें चरा रहा था। उसने पीछे हटते हुए राजा को देखा। उसने सोचा कि यदि राजा अब एक कदम भी पीछे हटेगा, तो वह गहरी घाटी में गिर पड़ेगा और मर जाएगा। यह सोचकर लड़का भागता हुआ चित्र के पास गया और अपनी लाठी से उसने चित्र को फाड़ डाला। 
राजा को लड़के की इस शरारत पर बहुत गुस्सा आया। उसने लपककर लड़के को दबोच लिया। राजा ने गुस्से से चीखते हुए कहा, "मूर्ख! तूने यह क्या किया? मैं तुझे जिंदा नहीं छोडूँगा।"
भेड़े चरानेवाले लड़के ने बड़ी नम्रतापूर्वक कहा, "महाराज, जरा पीछे मुड़कर देखिए! नीचे कितनी गहरी घाटी है! यदि मैंने यह चित्र न फाड़ा होता, तो आप इस घाटी में गिर जाते और आपकी जान न बचती।"
राजा ने पीछे मुड़कर देखा, तो अवाक रह गया। उसने अपनी जान बचाने के लिए लड़के को धन्यवाद दिया। राजा ने लड़के से कहा, "सचमुच, यदि तुमने चतुराई से काम न लिया होता, तो मेरे प्राण नहीं बचते।"
फिर राजा लड़के को अपने साथ राजमहल ले गया। उसने लड़के को ढेर सारे पुरस्कार दिए। राजा ने अपनी देखरेख में उसकी परवरिश की और बड़े होने पर उसे अपना प्रधानमंत्री बनाया।

शिक्षा -अच्छाई का फल अच्छा ही होता है।

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